फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ अमेजॉन ने की सेबी में शिकायत



 E commerce कंपनी अमेजॉन ने बाजार नियामक संस्था SEBI (The Securities and Exchange Board of India )से रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील के खिलाफ शिकायत की है।

अमेजॉन ने शेयरधरकों पर झूठ बोल कर उन्हें गुमराह करने का आरोप लगाया है।

फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच क्या डील हुई थी -

अगस्त में रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच 24713 करोड रुपए का सौदा हुआ था। अमेजॉन का आरोप है कि यह डील 2019 में उसके और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे का उल्लंघन है।

अमेजॉन ने इस मामले में सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के अंतरिम फैसले को ध्यान में रखने का आग्रह किया है। मध्यस्थता अदालत ने डील की समीक्षा करते हुए उस पर रोक लगा दी थी।



2 महीने पहले

रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल कारोबार को 24713 करोड़ रुपए में खरीदा, बिग बाजार को 'सबसे सस्ता, सबसे अच्छा' टैगलाइन से मिली थी ।

साड़ियों के कारोबार से बिग बाजार तक का सफर



साड़ियों का कारोबार करने वाले मारवाड़ी परिवार में जन्मे किशोर बियानी ने 1987 में पैंटालून की शुरुआत की थी। लेकिन फंड की कमी के वजह से इसे 2012 में आदित्य बिड़ला ग्रुप ने खरीद लिया था। इस ब्रैंड के जरिए मशहूर हुए बियानी ने कोलकाता से बिग बाजार की शुरुआत की थी ।

Detailed news about the contract




सौदे के एक हिस्से के रूप में, फ्यूचर रिटेल अपनी सुपरमार्केट चेन बिग बाजार, प्रीमियम फूड सप्लाई यूनिट फूडहॉल और फैशन एंड क्लोथिंग सुपरमार्ट ब्रांड फैक्ट्री की रिटेल के साथ-साथ थोक इकाइयों को भी रिलायंस रिटेल को बेचेगी।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने शनिवार को फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल बिजनेस, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस बिजनेस को खरीद लिया। रिलायंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप के बीच यह डील 24 हजार 713 करोड़ रुपए में हुई। मिंट (Management Of Innovation And New Technology. Business ) की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक फ्यूचर ग्रुप पर 10951 करोड़ रुपए का कर्ज था। 30 सितंबर 2019 को यह 12778 करोड़ हो गया। बिग बाजार का 'सबसे सस्ता, सबसे अच्छा' टैगलाइन से पहचान मिली थी।

रिलायंस ने कहा कि रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड (आरआरवीएल) फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार और लॉजिस्टिक्स और स्टोरेज कारोबार का अधिग्रहण करने जा रही है। दोनों कंपनियों के बीच यह सौदा एक विशेष स्कीम के तहत हो रहा है, जिसमें फ्यूचर ग्रुप भविष्य में बिजनेस करने वाली कुछ कंपनियों का फ्यूचर एंटरप्राइज लिमिटेड (एफईएल) में विलय कर रहा है।


कंपनी ने बताया कि इसके तहत फ्यूचर समूह का खुदरा और थोक कारोबार आरआरवीएल की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (आरआरएफएलएल) को ट्रांसफर किया जाएगा। आरआरएफएलएल का मालिकाना हक आरआरवीएल के पास है। आरआरएफएलएल द्वारा इसमें प्रीफरेंशियल इक्विटी शेयर इश्यू के तहत एफईएल में 200 करोड़ रुपए निवेश करने का भी प्रस्ताव है।



रिलायंस की रिटेल बाजार में स्थिति मजबूत होगी



रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिटेल बिजनेस में 3 करोड़ किराना स्टोर मालिकों और 12 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा था। फ्यूचर समूह के खुदरा व्यापार, थोक और सप्लाई चेन व्यवसाय के अधिग्रहण से रिलायंस की बाजार में स्थिति मजबूत होगी। इस डील के बाद रिलायंस रिटेल स्टोर्स का दायरा 18 हजार तक बढ़ सकता है। कंपनी का रेवेन्यू भी 26,000 करोड़ रुपए बढ़ जाएगा और भारतीय रिटेल बाजार की एक-तिहाई हिस्सेदारी पर कब्जा होगा।

फ्यूचर-रिलायंस सौदे पर अमेज़न को क्यों है आपत्ति?

पिछले साल, बियानी के फ्यूचर रिटेल ने वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न के साथ एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। सौदे के हिस्से के रूप में, अमेज़ॅन ने फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर फर्म फ्यूचर कूपन में लगभग 2,000 करोड़ रुपये के सौदे में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली थी।


जबकि फ्यूचर रिटेल अपने उत्पादों को अमेज़ॅन के ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर रखने में सक्षम होगा, दोनों ने यह भी सहमति व्यक्त की थी कि फ्यूचर रिटेल उत्पाद भी अमेज़ॅन की नई योजना का एक हिस्सा होंगे, जो ग्राहकों के दो घंटे के भीतर चुनिंदा शहरों में उत्पादों को वितरित किए जायेगें।  Future Retails के 1,500 से ज्यादा स्टोर्स पैन इंडिया में हैं।

समझौते ने अमेज़न को एक 'कॉल' विकल्प भी दिया था, जिसने समझौते के 3-10 साल के भीतर फ्यूचर कूपन के प्रमोटर, कंपनी में फ्यूचर रिटेल के शेयरहोल्डिंग के सभी हिस्से को प्राप्त करने के विकल्प का उपयोग करने में सक्षम बनाया।

रिलायंस के साथ फ्यूचर के समझौते के बाद, अमेज़ॅन ने कहा कि यह सौदा एक गैर-प्रतिस्पर्धा खंड का उल्लंघन था और future समूह के साथ राइट-ऑफ़-फर्स्ट रिफ्यूजल खंड हस्ताक्षरित था। फ्यूचर ग्रुप को तीसरे पक्ष के साथ किसी भी बिक्री समझौते हस्ताक्षर करने से पहले अमेजॉन को सूचित करने की आवश्यकता थी।

अपनी ओर से, फ्यूचर ग्रुप ने कहा है कि उसने कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं बेची थी, और वह केवल अपनी संपत्ति बेच रहा था और इसलिए उसने अनुबंध की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया था।





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