केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया पर कसा शिकंजा,अब सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन होगा डिजिटल मीडिया, केंद्र सरकार का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू



केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया पर कसा शिकंजा, अब सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन होगा डिजिटल मीडिया, केंद्र सरकार का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू



देश में अब डिजिटल मीडिया को लेकर नियमन का अधिकार केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ गया है. केंद्र सरकार ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी कर दिया.



न्यूज़ हाइलाइट्स
  • ऑनलाइन न्यूज पोर्टल भी अब मंत्रालय के अधीन
  • बीते हफ्ते कैबिनेट की बैठक में लगी थी मुहर
  • सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू




देश में अब डिजिटल मीडिया को लेकर नियमन का अधिकार केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ गया है. केंद्र सरकार ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी कर दिया. इस बारे में बीते हफ्ते मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया था. अब डिजिटल मीडिया भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन और नियंत्रण में होगा.



 
सरकार के आदेश के अनुसार अब ऑनलाइन फिल्मों, ऑडियो-विजुअल कार्यक्रमों और ऑनलाइन समाचार और करंट अफेयर्स (सम सामयिक) प्रसारण या प्रकाशन के कंटेट (सामग्री) सभी सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे. सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

नियमों में बदलाव 

आदेश के अनुसार ऑनलाइन विषय-वस्तु प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए फिल्म और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर समाचार और सम सामयिक विषय-वस्तु सूचना मंत्रालय के अधीन आएंगे. इस बारे में नियमन के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय स्वयं या कोई नियामक एजेंसी नियुक्त कर सकता है. 

ओटीटी प्लेटफार्म्स पर वेब सीरीज, फिल्म्स और ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, समाचार और सम-सामयिक विषयों पर तैयार किए हैं. दृश्य श्रव्य या पाठ्य मामलों की सामग्री को शामिल करने के लिए भारत सरकार की दूसरी अनुसूची (व्यवसाय का आवंटन) नियमों में संशोधन किया गया है.

ऑनलाइन मीडिया पर शिकंजा



इसमें डिजिटल/ऑनलाइन मीडियम में फिल्म्स और ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, समाचार और वर्तमान मामलों की सामग्री शामिल होगी. इसका मतलब है कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन न्यूज पोर्टल भी मंत्रालय के नियंत्रण में आ गए हैं।

अन्य विषय जो मंत्रालय के दायरे में हैं उनमें प्रसारण नीति और प्रशासन, केबल टेलीविजन नीति, रेडियो, दूरदर्शन, फिल्म्स, विज्ञापन और दृश्य प्रचार, प्रेस, प्रकाशन, अनुसंधान और संदर्भ आदि हैं. 

सुप्रीम कोर्ट में आए सुदर्शन टीवी के एक कार्यक्रम और उठे विवाद पर केंद्र सरकार ने वेब आधारित डिजिटल मीडिया पर नियमन की कमी को उजागर किया था. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि वेब आधारित डिजिटल मीडिया में वेब पत्रिकाएं, वेब-आधारित समाचार चैनल और वेब-आधारित समाचार-पत्र शामिल हैं. लेकिन इनके लिए दिशा-निर्देशों को रखना आवश्यक है, क्योंकि न केवल इसके पास बहुत व्यापक पहुंच है, यह पूरी तरह से अनियंत्रित भी है।

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