चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा - आपको यह शक्ति किसने दी है ?
चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा - आपको यह शक्ति किसने दी है ?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग पर तल्ख टिप्पणी की।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा "हम इस आदेश को स्थगन दे रहे हैं क्योंकि आपको यह अधिकार नहीं है।"
उन्होंने कहा कि स्टार प्रचारक सूची से किसी उम्मीदवार को हटाने के लिए चुनाव आयोग को किसने शक्ति दी है? यह आप है या पार्टी का एक नेता ?
दरअसल उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनाव आयोग ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में हटाए जाने का आदेश दिया था। इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। चुनाव आयोग को नोटिस भी जारी किया गया है।
विवेक तंखा , राज्यसभा सांसद ने कहा -
मुझे हमेशा लगा कि इसीआई ने अपने अधिकार क्षेत्र को पार करके कमलनाथ को स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर किया। यह विशुद्ध रूप से एक पार्टी का विशेषाधिकार।
चुनाव आयोग का कर्तव्य निष्पक्ष रूप से चुनाव कराना होता है।
प्लेनरी पावर क्या है -
चुनाव आयोग की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन 1977 में खुद सुप्रीम कोर्ट ने प्लेनरी पावर में चुनाव आयोग को विशेषाधिकार दिए थे।
1977 में एमएस गिल वर्सेस मुख्य चुनाव आयुक्त मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था
"जब भी कभी चुनौतीपूर्ण स्थिति बने व कानून में उसके लिए कोई प्रावधान नहीं है तो चुनाव आयोग भगवान से प्रार्थना नहीं करेगा ,बल्कि मुख्य चुनाव आयुक्त विवेक से फैसला लेंगे और निष्पक्ष चुनाव कराएंगे। "
अनुराग ठाकुर और प्रवेश साहिब वर्मा भी हो चुके हैं स्टार प्रचारक की सूची से बाहर
दिल्ली चुनाव में विवादित बोल को लेकर चुनाव आयोग ने 29 जनवरी को अपने एक आदेश में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश साहिब वर्मा के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी इसके साथ ही दोनों नेताओं को स्टार प्रचारक की सूची से भी बाहर करने के आदेश दिए थे।
अनुराग ठाकुर ने चुनाव के दौरान बयान दिया था देश के गद्दारों को गोली मारो ....। जबकि प्रवेश वर्मा ने साहिनबाग के प्रदर्शनकारियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
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