भारत में जल परिवहन
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भारत में जल परिवहन :-
केंद्रीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना 1987 ईसवी में की गई थी।
इसका मुख्यालय कोलकाता में है।
देश के जल मार्गों को दो भागों में बांटा गया है।
आंतरिक जलमार्ग :-
यह परिवहन नदियों, नहरों एवं झीलों के द्वारा होता है। हल्दिया से इलाहाबाद तक जलमार्ग को 22 अक्टूबर 1986 ईसवी को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या (N.W.) 1 घोषित किया गया था।
सामुद्रिक जलमार्ग :-
इस दृष्टि से भारत का संपूर्ण प्रायद्वीपीय तटिय भाग काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की मुख्य भूमि की 5600 किलोमीटर लंबी तट रेखा पर 13 बड़े एवं 185 छोटे व मंझोले बंदरगाह स्थित है।
राष्ट्रीय जलमार्ग
देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है मुंबई में है।
बड़े बंदरगाहों का नियंत्रण केंद्र सरकार करती है जबकि छोटे बंदरगाह संविधान की समवर्ती सूची में शामिल है, जिनका नियंत्रण और प्रबंधन राज्य सरकारी करती है।
देश का सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक बंदरगाह विशाखापट्टनम है। यह भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है।
गुजरात स्थित कांडला एक ज्वारीय बंदरगाह है। यह मुक्त व्यापार क्षेत्र वाला बंदरगाह है।
इन्हें भी देखें
चेन्नई भारत का सबसे प्राचीन बंदरगाह है।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की स्थापना 1952 ईसवी मैं हुई थी। इसका मुख्यालय कोच्चि ( केरल ) में है। यह देश का जहाज निर्माण और मरम्मत का सबसे बड़ा क्षमता वाला शिपयार्ड है।
दाहेज (गुजरात) देश का प्रथम बंदरगाह है जो रसायनों के निपटान हेतु स्थापित किया गया है। इसलिए इसे रसायन बंदरगाह है नाम दिया गया है।
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