Indian National Highways and Golden Quadrilateral Project (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना)
Indian National Highways and Golden Quadrilateral Project (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना)
राष्ट्रीय राजमार्ग :-
राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और देखरेख की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग की सकल लंबाई 2014 में लगभग 96000 किलोमीटर थी।
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और प्रबंधन तीन एजेंसियों के माध्यम से करता है -
1. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National highway authority of india, NHAI)
2. राज्य लोक निर्माण विभाग (State public works department, PWD)
3. सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organization, BRO)
राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 31 मार्च 2014 में 91287 किलोमीटर से 31 मार्च 2019 तक बढ़कर 132000 499 किलोमीटर हो गई।
जिनमें राज्य राजमार्ग के 39040 किलोमीटर को नये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है।
देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा एक वृहत राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना प्रारंभ की गई है जिसके कार्यान्वयन का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (NHAI) को सौंपा गया है।
इन्हीं राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में से महत्वपूर्ण है स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना जो कि हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का ड्रीम प्रोजेक्ट था।
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना अथवा प्रोजेक्ट की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के कार्यकाल में 1999 में हुई थी। दरअसल 1999 में इस प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई व 2001 में स्वर्णिम चतुर्भुज प्रोजेक्ट (Golden Quadrilateral Project) की शुरुआत की गई।
यह प्रोजेक्ट 2012 में पूरा हो गया।
स्वर्णिम चतुर्भुज (Golden Quadrilateral , GQ) -
जनवरी 1999 में प्रारंभ की गई स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना देश की अब तक की सबसे बड़ी सड़क निर्माण परियोजना है। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के संघटक निम्न प्रकार है -
A. चरण - 1 स्वर्णिम चतुर्भुज (Golden Quadrilateral) -
इस चरण में दिल्ली के मध्य 4/6 लाइनों वाले सुपर राजमार्गों का विकास शामिल है। इसकी सकल लंबाई 5846 किलोमीटर है। चतुर्भुज के चारों भुजाओं की लंबाई अलग अलग है। दिल्ली - मुंबई भुजा 1419 किलोमीटर है, वहीं मुंबई - चेन्नई 1290 किलोमीटर, चेन्नई - कोलकाता 1684 किलोमीटर, और कोलकाता - दिल्ली भुजा 1453 किलोमीटर है।
B. चरण -2
(a) उत्तर - दक्षिण कॉरिडोर (North - South corridor) -
इस कॉरीडोर का लक्ष्य श्रीनगर और कन्याकुमारी को राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जोड़ना है।
(b) पूरब पश्चिम कॉरिडोर ( East - West Corridor) -
इस कॉरीडोर का लक्ष्य असम में सिलचर और गुजरात के पोरबंदर को राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जोड़ना है।
(c) चरण 3 -
इस चरण में वर्तमान राजमार्गों को 4 बटा 6 लाइन से चौड़ा कृत करने की योजना है। इसके द्वारा राज्यों की राजधानियों पतनो , महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों को स्वर्णिम चतुर्भुज से जोड़ दिया जाएगा।
इन्हें भी देखें
- स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्गों के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख राज्य
स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग देश के लगभग 13 राज्यों के मध्य से होकर गुजरता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश राज्यों से होकर जाता है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्गों के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख नगर
स्वर्णिम चतुर्भुज भारत के मुख्य शहरों के बीच परिवहन का एक बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
इस राष्ट्रीय राजमार्ग ने देश के प्रमुख चार शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै के अलावा भी कई प्रमुख बंदरगाहों और शहरों को जोड़ता है। जैसे भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद और बेंगलुरु इत्यादि।
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